Tuesday, January 7, 2014

पटना साहिब गुरुद्धारे में हिंसा: श्री अकाल तख्त और SGPC ने भी की निंदा

 Tue, Jan 7, 2014 at 6:02 PM                  Update: Tue, Jan 7, 2014 at 11:10 PM
कहा-SGPC ने गठित की है पांच सदस्यीय जांच कमेटी 
रिपोर्ट मिलने के बाद की जाएगी कार्रवाई
अमृतसर//पटना साहिब: 7 जनवरी 2014:(गजिंदर सिंह किंग//पंजाब स्क्रीन//ब्यूरो रिपोर्ट): 
दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह पर हुए हमले की श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने सख्त शब्दों में निंदा की है। इस संबंध में अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने कहा कि यह घटना काफी निंदनीय है और इसकी जितनी भी निंदा की जाए उतनी कम है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनकी एसजीपीसी प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ के साथ बात हुई है और प्रधान शिरोमणि कमेटी ने घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। यह कमेटी जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट हासिल होने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी।गौरतलब है कि सिक्ख श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश उत्सव का गुरुपर्व मना रहे थे उस समय गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी के जन्म स्थल कि पवन भूमि पर बने तख्त श्री पटना साहिब में सिक्ख संगत के दो गुटों में तलवारें खिंच गयीं और खून खराबे में छह लोग घायल हुए। घटना स्थल से प्राप्त खबरों के मुताबिक बिहार की राजधानी पटना स्थित प्रसिद्ध पटना साहिब गुरद्वारे में दो पक्षों के बीच हुए संघर्ष में करीब छह सिक्‍ख श्रद्धालु घायल हो गए। इस संबंध में पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने बताया कि गुरद्वारा प्रबंधन समिति में नियुक्ति को लेकर पैदा हुए विवाद पर दो सिख गुटों के बीच संघर्ष हुआ।  इसका विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि तलवारों से लैस दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर हमला किया। उन्‍होंने बताया कि वर्ष 2017 में आयोजित होने वाले 350वें प्रकाशोत्सव के लिए जब अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी प्रताप सिंह को तख्त साहिब की सेवा की जिम्मेवारी देने के पश्चात उनकी पगड़ी रस्म होने लगी। उसी दौरान मंच पर जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह के पहुंचते ही घमासान मच गया। मंच पर ही मारपीट होने लगी।
दुसरी तरफ  दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह पर हुए हमले की दमदमी टकसाल के मुखी बाबा हरनाम सिंह खालसा और भाई राम सिंह ने भी सख्त शब्दों में निंदा की है। इस संबंध में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यह घटना काफी निंदनीय है और इसकी जितनी भी निंदा की जाए उतनी कम है। उन्होंने कहा, कि इस मामले की  निष्पक्ष जाँच करके मामले कि साज़िश का पर्दाफाश किया जाना चाहिए।  उल्लेखनीय है कि जिस दिन पर्कषोत्स्व के शुभ अवसर गुरु घर का अदब कायम रखना हर सिक्ख के लिए हर हाल में आवश्यक था उस दिन गुरु की हज़ूरी में धक्कामुक्की के बीच लाठियां भी चलीं। सरबत्त का  वाली सिक्ख कौम ने एक दूसरे पर हिंसक हमले करकेमर्यादा और सिद्धांत दोनों की दीं। यह सब देख कर कथा सुन रहे श्रद्धालुओं के बीच हड़कंप मंच गया। इससे करीब छह लोग घायल हो गए। उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मनु महाराज ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है और घटनास्थल पर सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। संघर्ष उस समय हुआ, जब देश-विदेश से हजारों सिख श्रद्धालु प्रकाश उत्सव यानी 10वें सिख गुरु गोबिंद सिंह की 347वीं जयंती के मौके पर एकत्र थे। सिखों के बीच बढ़ते तनाव को देख एसएसपी मनु महाराज, सिटी एसपी जयंतकांत, एसडीओ डा त्यागराजन एसएम, डीएसपी राजेश कुमार समेत एक दर्जन से अधिक थानों के मोबाइल के अलावा रैफ के जवान शांति व सुरक्षा कायम करने में जुट गये। माहौल अब भी तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है।
इस सारे घटनाक्रम की एसजीपीसी प्रधान जत्थेदार अवतार सिंह मकड़ ने भी सख्त निंदा की है। लुधियाना में मीडिया से बात  करते हुए जत्थेदार मकड़ ने कहा कि इस संबंध में जाँच समिति बना दी गयी है और उसकी रिपोर्ट आते ही इस मामले में करवाई भी होगी। उन्होंने इस बात का गंभीरता से नोटिस लिया कि यह सब उस पावन दिवस पर हुआ जब सारा सिक्ख संसार दशमेश पिता गुरू गोबिंद सिंह जी का प्रकाश उत्स्व मना रहा था। सारा झगड़ा इस समय किया गया जब सारा विश्व इस कार्यक्रम को अपने अपने घर में बैठ कर लाईव प्रसारण के ज़रिये देख रहा था। कई अन्य संगठनों ने भी कहा कि टीवी के सीधे प्रसारण के समय किया गया यह झगड़ा किसी गहरी साज़िश का हिस्सा है। सिक्ख समाज समाज आज नवंबर-84 सहित मामलों में व्यापक संघर्ष कर रहा है और अपनी मंज़िल के नज़दीक भी है। इस नाज़ुक मोड़ पर सिक्खों का केस कमज़ोर होगा वे कहेंगे कि देखो यह सिक्ख तो होते ही झगड़ने वाले हैं---अपने ही गुरु के प्रकाश उत्सव पर अपने ही गुरुद्धारे में झगड़ा करके अपने ही भाई बंधुयों पर हमला करते हैं। उन पर तलवार उठाते हैं और उन्हें बुरी तरह घायल भी करते हैं। पुलिस नहीं आती तो न जाने कितनी हत्याएं होती। इस लिए इन पर कानून का शिकंजा होना आवश्यक है। 
इस तरह बहुत ही सोची समझी साज़िश के अंतर्गत सिक्ख समाज की क़ुरबानी और शांतिपूर्ण छवि को धूमिल करने की कुचेष्टा है जिसे सफल नहीं होने दिया गया। इस सरे मामले में पूरी ठ तक जाना आवश्यक है तांकि पता चल सके कि झगड़ा करने वालों का रिमोट किसके हाथ में है।
वीडियो देखें:  
पटना साहिब में हिंसा की जत्थेदार मक्कड़ ने भी की सख्त निंदा